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Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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दिवाली त्यौहार का आध्यात्मिक, धार्मिक व सांस्कृतिक रूप से महत्व

 By: 

कृष्णा


हम हर वर्ष बड़े ही धूमधाम के साथ दीपावली का पर्व (Importance Of Diwali Festival In Hindi) मनाते हैं। इस दिन भगवान श्रीराम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात पुनः अयोध्या लौटे थे। श्रीराम का संपूर्ण जीवन हमे जीवन जीने के उच्च आदर्श (Deepawali Ka Mahatva) सिखाकर जाता हैं व साथ ही सिखाता हैं रिश्तों को किस प्रकार निभाना चाहिए।


दिवाली पर्व एक दिन का त्यौहार न होकर पांच दिनों का सामूहिक पर्व होता हैं जिसकी तैयारियां कई दिनों पहले से ही शुरू हो जाती है। दिवाली की अँधेरी काली रात को असंख्य दीपक जलाकर रोशनी (Diwali Importance In Hindi) की जाती हैं जो समस्त समाज को एक सूत्र में पिरोने का संदेश देती है। इसी के दिवाली के त्यौहार की धार्मिक, अध्यात्मिक व सांस्कृतिक रूप से (Diwali Ka Mahatva Kya Hota Hai) अत्यधिक महत्ता हैं। आज हम आपके साथ वही साँझा करेंगे। आइए जानते हैं दीपावली पर्व का महत्व

दीपावली का महत्व (Diwali Ka Mahatva In Hindi)

#1. दिवाली का धार्मिक महत्व (Diwali Ka Dharmik Mahatva)

भगवान विष्णु ने त्रेता युग में भगवान श्रीराम के रूप में जन्म लिया था जिनका उद्देश्य केवल दुष्ट रावण का वध करना ही नहीं अपितु संपूर्ण मानव समाज को एक संदेश देना था। उनके जीवन की हर एक घटना हमे एक शिक्षा देकर जाती हैं। इन्हीं शिक्षाओं को आत्म-सात करने के लिए हम दीपावली का पर्व हर वर्ष मनाते हैं।

दिवाली के पर्व से हमें रामायण की मिली शिक्षाओं को ग्रहण करने (Deepavali Puja Ka Mahatva) व आने वाली पीढ़ी में भी उन्हीं गुणों का निर्माण करने की प्रेरणा मिलती हैं।

#2. दिवाली का आध्यात्मिक महत्व (Diwali Ka Aadhyatmik Mahatva)

दिवाली के पर्व से हमे ना केवल धार्मिक बल्कि आध्यात्मिक ज्ञान भी मिलता हैं। आज के समाज में जहाँ कटुता, शत्रुता, ईर्ष्या इतनी अधिक बढ़ गयी हैं तब हमे दिवाली संदेश देती हैं कि मनुष्य को अपने सभी स्वार्थों का त्याग कर केवल धर्म का पालन करना चाहिए व किसी का भी अहित नही करना चाहिए।

यह हमे परमात्मा के दर्शन करने व हमेशा अपने कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती है। यदि हम सच्चे मन से दिवाली को मनाएंगे तो इससे हमे मानसिक शांति का अनुभव होगा व जीवन को कैसे जिया जाये, इसके बारे मे ज्ञान होगा।

#3. दिवाली का शारीरिक व स्वास्थ्य के रूप में महत्व (Diwali Ka Sharirik Mahatva)

हम हर दिन अपने घर व दुकान इत्यादि की साफ-सफाई करते हैं लेकिन दिवाली के लिए हम अपने घर इत्यादि की गहनता से साफ-सफाई करते है। इसमें घर के सभी सदस्य घर के हरेक कोने, वस्तु को साफ करते हैं व गंदगी को घर से निकाल दिया जाता है। इस प्रकार दिवाली का पर्व हमे स्वच्छता का संदेश देता है। स्वच्छता रहने से हमे कई प्रकार की बिमारियों से छुटकारा मिलता हैं व आसपास सकारात्मक ऊर्जा का निवास रहता है।

इसी प्रकार दिवाली जिस मौसम में आती हैं वह वर्षा ऋतु की समाप्ति व शरद ऋतु के आगमन का संकेत होता है। ऐसे मौसम में वातावरण में मच्छरों, कीट-पतंगों, जीवाणु-विषाणुओं का प्रकोप (Diwali Ka Mahatva Bataye) अत्यधिक बढ़ जाता हैं। ऐसे मौसम में हम सभी सामूहिक रूप से दिवाली की रात्रि को असंख्य घी व तेल के दीपक प्रज्ज्वलित करते है। इन दीपक से वातावरण में इस हानिकारक जीवाणुओं का प्रभाव कम हो जाता हैं तथा वे नष्ट हो जाते हैं।

इस प्रकार दिवाली का त्यौहार हमारे स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपुर्ण हैं जो आसपास फैले विभिन्न जीवाणुओं का नाश कर देता है व ऋतु परिवर्तन के दुष्प्रभावो को सिमित कर देता है।

#4. दिवाली का मानसिक महत्व (Diwali Ka Mansik Mahatva)

आज के समाज में जहाँ मनुष्य दिन-रात अपने कार्य में व्यस्त रहता हैं। उसे आत्म-चिंतन करने व अपने सगे-संबंधियों के साथ समय व्यतीत करने में समय की कमी होती हैं तो वही अवसर दिवाली लेकर आती हैं। दिवाली के दिन सभी की लंबी छुट्टियाँ होती है। जो लोग अपने घरो से दूर पढ़ाई या काम करते हैं वे भी अपने घरों को लौट आते हैं।

ऐसे में सभी घरवाले मिलकर घर की साफ-सफाई करते हैं, विभिन्न पकवान बनाते हैं, घर को सजाते हैं व दिवाली का त्यौहार मनाते हैं। इस भागदौड़ भरे जीवन में रिश्तों को महत्व देना, उनके साथ समय व्यतीत करना, आनंद व खुशियाँ मनाना, एक व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इससे हमे मानसिक शांति का अनुभव होता हैं।

#5. दिवाली का आर्थिक महत्व (Diwali Ka Arthik Mahatva)

आप सब भी यह देखते होंगे कि दिवाली पर सभी का व्यापर दुगुना हो जाता हैं। इन दिनों सभी लोग अपने घर-परिवार के लिए चीज़े खरीदते हैं, नया वाहन लेते हैं, गहने लेते हैं, साज-सज्जा का सामान, मिट्टी के दीये, मिठाइयाँ इत्यादि बहुत बिकती हैं।

इस प्रकार दिवाली का त्यौहार देश व समाज की आर्थिक उन्नति (Deepavali Ka Kya Mahatva Hai) का भी परिचायक हैं। इस समय बाजार में पैसो का आवागमन बहुत तेजी के साथ बढ़ जाता हैं। पैसा धनि व्यक्ति की जेब से निकलकर सभी के पास पहुँचता हैं व निर्धनों को भी बहुत आय होती हैं। इस प्रकार आर्थिक दृष्टि से भी दिवाली का त्यौहार अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

#6. दिवाली का सांस्कृतिक महत्व (Diwali Ka Sanskritik Mahatva)

दिवाली का त्यौहार केवल घरों तक ही सिमित नही हैं व ना ही यह किसी पंथ, समाज, जाति या धर्म तक सिमित हैं। इसमें समाज के सभी वर्गों का महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। विभिन्न संस्कृतियों को मानने वाले लोग इस दिन सामूहिक रूप से दीपावली का पर्व मनाते हैं व आपस में खुशियाँ बांटते हैं।

दिवाली का त्यौहार केवल भारत के विभिन्न राज्यों में ही नही अपितु विदेशों में भी बड़ी धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता हैं। इस प्रकार यह त्यौहार एक सार्वजानिक कार्यक्रम का रूप ले लेता हैं जिसमे सभी का अपना-अपना योगदान होता हैं। यह त्यौहार विभिन्न संस्कृतियों व मान्यताओं को मानने वाले लोगों के आपसी मेलझोल का भी प्रतीक हैं।

उपरोक्त कारणों के कारण दिवाली पर्व की महत्ता (Importance Of Diwali Festival In Hindi) अत्यधिक बढ़ जाती हैं। इसके अलावा भी दीपावली के कई असंख्य लाभ हैं जो इसकी महत्ता को दुगुना कर देते हैं।