Sayari of Sahil
करेंगे न याद, काम तो बहुत है, सोचता तो था। यादों में खो जाने की तड़प होगी…
करेंगे न याद, काम तो बहुत है, सोचता तो था। यादों में खो जाने की तड़प होगी कभी सोचा न था। By Sahil
Read moreपरिचय शोध पत्र लिखते समय, स्पष्टता और संक्षिप्तता अत्यावश्यक है। संक्षिप्त वाक्यों का उपयोग करना इसे प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका है।…
Read moreआज सावन का पहला सोमवार है। इस पवित्र दिवस पर एक महत्वपूर्ण सत्र प्रारंभ हो रहा है, और सावन के इस पहले सोम…
Read moreहिंदी दिवस पर निबंध: 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा घोषित किया था। इसी दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। हि…
Read moreकेन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री श्री बी.एल. वर्मा कल उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में पुलिस लाइन ग्राउंड में ‘सामाजिक अधिकारिता …
Read moreसबसे पहले मैं गर्मजोशी भरे स्वागत और आतिथ्य-सत्कार के लिए चांसलर नेहमर का आभार प्रकट करता हूँ। मुझे ख़ुशी है कि मेरे तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही…
Read moreआपका ये प्रेम, आपका ये स्नेह, आपने यहां आने के लिए समय निकाला, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। मैं अकेला नहीं आया हूं। मैं मेरे साथ बहुत कुछ लेकर के …
Read moreकरेंगे न याद, काम तो बहुत है, सोचता तो था। यादों में खो जाने की तड़प होगी…