ओनम की आए खुशियाँ बहार,
खेतों में बसे सजीव रंग न्यार।
पुकारती हैं वंशजों की यह आवाज,
आओ, मिलकर मनाएं ओनम की राज।
पुलकित हृदय सपनों से सजा,
खिलते फूलों से रंगीन सवा।
पुन्नाग, कन्नी, पूकुलंगल खिले,
पुल्कित हो गए फिर सभी मन, धड़कन हिले।
पुलिकलं आती नाचती जगमगाती,
वातायनं खेलती, सबको मोहित कराती।
खुशियाँ बांधे एक तारीक आसमान,
ओनम की रमणीक रंगीन पुरानी कहानी
बनाने की यह वो शुरुआत हो मनान।