Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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Cyclone - Preparedness in Hindi

तूफान उत्पन्न होने की घटना का कारण हवाओं का असंतुलित होकर भयंकर गतिज ऊर्जा धारण कर लेना है इस घटना में हवा पर और नियमित दबाव बना रहता है जिससे कि यह मार्ग में आने वाले सभी चीजों को अपने भयंकर चक्र में समा लेता है।


तूफान की ऊर्जा बहुत अधिक होती है। हर साल इन भयंकर तूफान के कारण करोड़ों लोग अपनी जान गवा देते हैं। इस तूफान के कारण बहुत से लोग को अपने आश्रितो से, सगे-संबंधियों से व संपत्ति से हाथ धोना पड़ता है। तूफान से पूरे देश में एक बहुत ही दयनीय स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

खुशी की बात यह है कि आज इस आधुनिक जगत में हमारे वैज्ञानिकों ने पहले से इन तूफानों का पता लगाने के लिए यंत्र बना लिए हैं जिससे कि लोगों को पहले ही इसकी सूचना मिल जाती है और व इस से लड़ने में समर्थ हो पाते हैं।

तूफान किसे कहते हैं?

जो हमारे पृथ्वी के वायुमंडल पर दबाव सामान्य की अपेक्षा कम हो जाता है तो इसके परिणामस्वरूप हमें चारों ओर गर्म हवा की भयंकर आंधी दिखाई पड़ती है जिसे कि तूफान कहा जाता है।

चौका देने वाली बात यह है कि तूफान (Thunderstorm) केवल पृथ्वी ग्रह पर ही नहीं बल्कि अन्य ग्रह जैसे शुक्र, मंगल आदि पर भी देखने को मिलता है। तूफान सीधे-सीधे वायुमंडल के ताप की अनियमितता को दर्शाता है।

तूफान की दिशा (Direction)

मौसम विज्ञान के अनुसार चक्रवर्ती तूफान पृथ्वी के समान ही घूमने लगता है। पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध ( Southern Hemisphere) में इन उत्पन्न गर्म हवाओं को चक्रवात (Cyclone) कहा जाता है। इन चक्रवात का दिशा घड़ी की सुई के समान बाएं से दाएं (Clock-Wise) चलती है।

वहीं दूसरी ओर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में इसे हरिकेन (Hurricane) व टाइफ़ून (Typhoon) भी कहा जाता है परंतु इसकी दिशा घड़ी की सुई की दिशा के विपरीत दाएं से बाएं ( Anti-Clock-Wise) को चलती है।

तूफान आने के कारण (Causes)

1- तूफान व अन्य प्राकृतिक आपदाओं के पीछे प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर भी लगातार पिघल रहे हैं जोकि चक्रवाती तूफानों के उत्पन्न होने का एक कारण है।

2- पिघलते हुए ग्लेशियर के कारण समुद्र अपनी सतह के ऊपर आ जाता है और इन गर्म हवाओं से मिलकर एक विकराल रूप धारण कर लेता है। लगातार प्रकृति की अवहेलना व इसके संसाधनों को नष्ट करने के कारण आज मनुष्य को इसका विकराल रूप देखने को मिल रहा है।

भयंकर गर्म जगहो में मौसम की भयंकर गर्मी से हवा गर्म होकर गंभीर व कम वायु दाब का क्षेत्र तैयार करती है। इसी दौरान गर्म हवा तेजी से ऊपर की ओर आती है और प्रकृति में उपस्थित नमी से मिलकर संघनन (Condensation) क्रिया की मदद से बादल का निर्माण करती है।

3- वनो की लगातार कटाई तूफान के आने का एक कारण है क्योंकि वृक्ष रूपी संपदा पृथ्वी के वातावरण व वायुमंडल को संतुलित करके रखता है तो इनकी कटाई की वजह से इन आपदाओं को आमंत्रण दिया जाता है।

तूफान का प्रभाव (Effects)

1- मनुष्य को अपना आवास छोड़कर सुरक्षित जगह पर निवास करना पड़ता है। उसकी सभी बनाई हुई संपत्ति नष्ट हो जाती है। गंभीर स्थिति हो जाने पर, मनुष्य को अपनी जान भी गंवानी पड़ती है।

2- जीव-जंतु अपनी जान गवा बैठते हैं। लंबे-लंबे अंतराल के लिए उन्हें बिना भोजन के बिताना पड़ता है। जंगलों में भारी नुकसान के कारण जीव-जंतु गंभीर मुसीबत में आ जाते हैं।

3- किसानों की फसल पूरी तरीके से बर्बाद हो जाती है। यदि सबसे ज्यादा परेशानी तूफान से किसी को होती है तो वह किसान ही है क्योंकि यह तूफान मेहनत से बनाई हुई फसल को चुटकी में खाक कर देता है।

4- फसल को भारी नुकसान पहुंचने से बाजार में इनकी कीमत भारी मात्रा में बढ़ जाती है जिससे कि हम सभी को भीषण महंगाई का सामना करना पड़ता है और ना चाहते हुए भी विवश होकर गरीब आदमी आत्महत्या कर लेता है।

5- इन तूफान के के कारण हुई तबाही को पुनः पहले जैसा करने के लिए सरकार को  लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करना पड़ते है जिससे की देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी चोट पहुंचती है।

6- प्राकृतिक संसाधन जैसे गंगा,झील, तालाब में भी प्रदूषण की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है। इन प्रदूषण के द्वारा व्यक्ति को कई तरह की बीमारियां हो जाती है।

तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले राज्य (Affected State)

भारत देश के तटवर्ती इलाके खासकर महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश ,पश्चिम बंगाल, कर्नाटक जैसे क्षेत्र हर साल तूफान से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।
अभी हाल ही में आए यास तूफान ने ओडिशा व पश्चिम बंगाल में भयंकर तबाही दी है।

तूफान से बचाव के उपाय (Prevention)

1- प्रकृति के संसाधनों की रक्षा करके ही हम तूफान जैसी प्राकृतिक आपदा से बच सकते हैं। इसके अलावा और कोई भी उपाय हमें इन सब से नहीं बचा सकता। जितना हो सके प्रकृति के करीब रहे।

2- जैसे कि तूफान एक प्राकृतिक आपदा है तो इसे हम तुरंत नहीं रोक सकते परंतु यदि इसके बारे में पहले से पता चल जाए तो हम इसके नुकसान को काफी हद तक रोक सकते हैं ऐसे तूफान की सूचना आने पर आप गंभीरता से सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन करें।

3- नदियों पर समुद्र किनारे रहने वाले व्यक्तियों को तुरंत किसी सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब यह तूफान नदियों से मिलता है तो और भयानक रूप ले लेता है।

4- जितना हो सके पेड़-पौधे लगाएं पेड़ हमारे सबसे प्यारे दोस्त होते हैं हमेशा हमारी रक्षा करते हैं इसलिए जितना ज्यादा हो सके वृक्षारोपण करें।

5-  पैसे जरूर बचाए क्योंकि हमें नहीं पता कब कौन सी मुसीबत आ जाएगी। ऐसे तूफान की स्थिति में पहले से ही अनाज व पानी संरक्षित करके रखें।

6-  लगातार रेडियो, टेलीविजन आदि संसाधनों के द्वारा अपने आप को अपडेट रखें ताकि आगे किसी भारी मुसीबत का सामना ना करना पड़े।

7- पशु-पक्षी को बंधक बनाकर बिल्कुल भी ना रखें। ऐसी आपदा में हर कोई अपनी जान बचाना चाहता है तो जितना मुमकिन हो, ऐसे मे सभी को स्वतंत्र करके ही रखे।

8- सबसे जरूरी- हिम्मत रखें। हमे नही पता कब कौन सी समस्या आयगी इसलिये खुद पर और भगवान पर आस्था जरूर बनाए रखे। जो होता हैं अच्छे के लिए होता हैं।

उपसंहार (Conclusion)

तो दोस्तों, आज हमने तूफान पर निबंध (Essay on storm in hindi) पढ़ा। हम आशा करते हैं कि आपको तूफान का निबंध पसंद आया होगा और आपको आपके सभी प्रश्नों के उत्तर भी मिल गये होंंगे।

यदि लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों रिश्तेदारों का सगे संबंधियों में भी अवश्य शेयर करें ताकि उन्हें भी इसका लाभ मिले। तो मिलते हैं हमारे अगले आर्टिकल में तब तक स्वस्थ रहें, मस्त रहें।