सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' हिंदी साहित्य के एक महान कवि और लेखक थे, जिन्हें छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माना जाता है ¹। उनका जन्म 21 फरवरी, 1899 को बंगाल की महिषादल रियासत में हुआ था और उनका असली नाम सुर्जकुमार था, जिसे बाद में बदलकर सूर्यकान्त त्रिपाठी कर दिया गया ¹।
निराला का जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण था। उनकी माता का निधन तीन वर्ष की आयु में हो गया और पिता का निधन बीस वर्ष की आयु में हो गया ¹। इसके बाद, उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाली और महिषादल राज्य में नौकरी की ¹। बाद में, उन्होंने संपादन, स्वतंत्र लेखन और अनुवाद कार्य की ओर प्रवृत्त हुए ¹।
निराला की पहली कविता 'जन्मभूमि' 1920 में प्रभा नामक मासिक पत्र में प्रकाशित हुई थी और उनका पहला कविता संग्रह 'अनामिका' 1923 में प्रकाशित हुआ था ¹। उन्होंने कविता में कल्पना का सहारा बहुत कम लिया और यथार्थ को प्रमुखता से चित्रित किया ¹। वे हिंदी में मुक्तछन्द के प्रवर्तक भी माने जाते हैं ¹।
*निराला की प्रमुख रचनाएं:*
- __अनामिका__ (1923)
- __परिमल__ (1930)
- __गीतिका__ (1936)
- __सरोज स्मृति__
- __राम की शक्तिपूजा__
- __अप्सरा__ (उपन्यास, 1931)
- __अलका__ (उपन्यास, 1933)
- __प्रभावती__ (उपन्यास, 1936)
निराला का निधन 15 अक्टूबर, 1961 को इलाहाबाद में हुआ था ¹। उनकी विरासत आज भी हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।