Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

Ticker

6/recent/ticker-posts

रात में नींद ना आना, आखिर क्या है इसकी वजह, समस्या, कारण एवं उपाय


अगर आप भी है परेशान, यदि आपको भी रात में सोने में कठिनाई होती है, तो आपको इसके संकेतों को जानना बहुत जरूरी है। क्योंकि इन्ही कारणों से हममें से कई लोग रात को जल्दी सो नहीं पाते बल्कि करवटें बदलते रहते हैं और नतीजन उनकी नींद भी पूरी नहीं हो पाती है एवं वह सुबह उठकर फिर से अपने - अपने कामों में लग जाते हैं तथा इसके बाद पूरे दिन सुस्ती और आलस महसूस होता रहता है। जाहिर सी बात है इसका असर अगले दिन के कार्यो पर भी पड़ेगा। कभी -कभी नींद ना आना आम बात है, लेकिन लगातार आपके साथ यह स्थिति बन रही है, तो हमें यह जरूर सोचना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।


तनाव एवं चिंता में रहना :- हर समय तनाव और चिंता से घिरे रहने की वजह से भी नींद नहीं आ पाती है। बहुत से लोग जब पूरी तरह से फ्री होते हैं, तो उन्हें किसी न किसी बात को लेकर चिंता या टेंशन होने लगती है। एक्सपर्ट की राय के अनुसार, चिंता और तनाव आपके मन और शरीर को सोने पर से आपका ध्यान भंग कर सकती है। तनाव के लेवल को कम करने के लिए रोजाना योग या ध्यान करना बहुत आसरदायक होता है। ऐसा करने से आपको लेटते ही नींद आने लग जाएगी।



देर रात को चाय एवं काॅफी का सेवन करना :- बहुत से लोगों को रात के टाइम सोने से पहले चाय एवं कॉफी पीने की आदत सी होती है। अगर न पीएं, तो सोने में मुश्किल होती है। लेकिन सच बात तो ये है कि कैफीन के अधिक सेवन से नींद पूरी तरह से खराब हो जाती है पर एक कप कॉफी बॉडी क्लॉक को बाधित कर देती है। इससे व्यक्ति को रात- रात भर जागना पड़ता है और नींद आ भी जाए, तो डरावने सपने आने लगते हैं। इसलिए जिन लोगों को बहुत जल्दी नींद नहीं आती, उन्हें रात में सोने से पहले चाय एवं कॉफी पीने से बचना चाहिए, साथ ही  देर रात को स्नैक्स खाने से भी शारीरिक और मानसिक सेहत प्रभावित होती है। सोते टाइम स्नैकिंग आपकी नींद के हार्मोन का उत्पादन करने की क्षमता को बदल सकती है, जिसकी वजह से नींद तो टूटती ही है वही पर ध्यान भी भटक जाता है। नींद न आने की यह समस्या अगर ज्यादा समय तक रहे तो आपके लिए अवसाद और बढ़ते वजन को कंट्रोल करना बेहद मुश्किल हो जाएगा और इससे आप मोटापाग्रस्त समस्याओं से भी परेशान हो सकते हैं।


आमतौर पर यह माना जाता है कि रात में व्यायाम करना अच्छा होता है। लेकिन कुछ अध्ययनों के अनुसार, रात में व्यायाम करने से कई बार आपकी हार्ट रेट पर बुरा असर भी पड़ सकता है, जो आपकी स्लीप साइकिल को डिस्टर्ब करने का मुख्य कारण बन जाएगा। इतना ही नहीं, देर रात में वर्कआउट करने से स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं और अगर आप जिम में वर्कआउट करते हैं, तो यहां चमकने वाली तेज रोशनी मेलाटोनिन यानी स्लीप हार्मोन को बनने से रोकती है, जिससे आपको कई रातें करवटें बदलते हुए गुजारनी पड़ सकती हैं। वहीं नींद के दौरान कमरे में बहुत ज्यादा तेज रोशनी होने के कारण भी हमारे मस्तिष्क के लिए गहरी अवस्था में आराम करना मुश्किल हो जाता है। और ऐसा इसलिए हैं क्योंकि रोशनी आपकी प्राकृतिक नींद और जागने के चक्र को भी नियंत्रित करती है। कई बार तो मोबाइल से निकले वाली नीली रोशनी भी खराब नींद का एक अन्य कारण बन सकती है। यह रोशनी मेलाटोनिन को दबा सकती है, जिससे रात में सोने की क्षमता बहुत कम हो जाती है। इसलिए डॉक्टर हमेशा कम रोशनी वाले कमरे में सोने का सुझाव देते हैं। बेडरूम का तापमान भी बहुत बार आपकी नींद को डिस्टर्ब करने वाले कारणों में से एक होता है। स्वस्थ नींद के लिए आरामदायक वातावरण जरूरी है। कमरा अगर गर्म है, तो यह आपके बॉडी तापमान को बढ़ाता है, जिससे आपके लिए सोना मुश्किल हो जाता है। इसी तरह ज्यादा ठंडे कमरे से भी असुविधा और परेशानी हो सकती है। इसलिए ध्यान रखें कि आपके कमरे का तापमान सामान्य रहे।

डिप्रेशन की शिकायत रहना :- अगर आप देर से सोते और जागते हैं तो इससे आपको पर्याप्त विटामिन-डी नहीं मिल पाता,  जो आपकी नींद को प्रभावित करता है. विटामिन-डी की कमी से भी डिप्रेशन होता है, जो फिर से नींद की गुणवत्ता को प्रभावित करता है. डिप्रेशन के पहले लक्षणों में से एक है जब आप दिन में भी सोना चाहते हैं. चिंता और डिप्रेशन से  कई लोगों की नींद हराम हो जाती है. इसके अलावा, माइग्रेन, गाउट और अर्थराइटिस जैसे समस्‍याएं भी दर्द का कारण बनते हैं, नींद के चक्र को भी प्रभावित करते हैं, जैसा कि स्लीप एपनिया करता है जो सांस लेने में कठिनाई के कारण जागता है।


डायबिटीज की समस्या :- डायबिटीज के रोगी अक्सर पॉल्यूरिया से पीड़ित होते हैं जिसके कारण आपको बार-बार यूरिन करने की इच्छा होती है और इससे आपकी नींद प्रभावित होती है. इंसुलिन संवेदनशीलता ब्‍लड शुगर लेवल को भी कम करती है, जिसका अर्थ है कि आपको आधी रात में भूख लग सकती है और आप खाने के लिए जाग सकते हैं. यह घ्रेलिन या हमारे हंगर हार्मोन को भी प्रभावित करता है, और यदि आप कम जीआई वाला खाना खाते हैं, तो यह आपको लंबे समय तक भरा नहीं रखेगा ।


समाधान एवं उपाय :- एक बेहतर और सेहतमंद नींद पाने के लिए हम विभिन्न उपायों को अपना सकते हैं और इनके माध्यम से एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं क्योंकि अच्छे खान-पान के साथ ही ये भी बेहद जरूरी है कि आप अच्छी नींद लें. नींद नहीं पूरी होने पर एक ओर जहां इंसान के स्वभाव पर असर पड़ता है वहीं उसकी सेहत पर भी बुरा असर होने लगता है. नींद नहीं पूरी होने पर एक ओर जहां इंसान के स्वभाव पर असर पड़ता है वहीं उसकी सेहत पर भी बुरा असर होता है।


गुनगुना दूध पीएं :- दूध रात को बिस्तर पर जाने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीना काफी फायदेमंद हो सकता है. दूध में मौजूद ट्राईपतोपान तथा  सिरोटोनिन अच्छी नींद लेने में मददगार होते है साथ ही दूध कैल्शि‍यम का भी एक अच्छा जरिया है, दूध तनाव दूर करने में भी सहायक होता है।


ताजे फल खाए :-  फल और उसमें भी केले में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो मांस-पेशि‍यों को तनावमुक्त करते हैं . इसमें मौजूद मैग्न‍िशि‍यम और पोटैशि‍यम अच्छी नींद को बढ़ावा देते हैं. साथ ही ये विटामिन बी6 का भी एक अच्छा माध्यम है जो सोने से जुड़े हार्मोन्स के स्त्रावण में सक्रिय भूमिका निभाते हैं,  केले के अतिरिक्त बादाम एवं सूखे मेवे भी मैग्न‍िशि‍यम का बहुत अच्छा स्तोत्र है यह नींद को बढ़ाने के अलावा ये मांस-पेशि‍यों में होने वाले खिंचाव और तनाव को कम करता है. जिससे चैन की नींद लेना आसान हो जाता है, अच्छी नींद के लिए कैफीन और एल्कोहोल से परहेज करना ही बेहतर है लेकिन अगर आप रात को सोने से पहले हर्बल चाय पीते हैं तो आप अपने लिए एक अच्छी नींद का इंतजाम कर सकते है।

अच्छी किताबें पढ़े :- अच्छी - अच्छी किताबे पढ़ने से सोने से भी अच्छी नींद आती है. आप अपने दिमाग को शांत करें और सकारातमक सोच के साथ पलंग पर जाएं. इसके साथ में आप अच्छा संगीत भी सुन सकते हैं ।रात को सोने से पहले तलवे पर सरसो के तेल की मालिश से भी अच्छी नींद आती है और दिमाग शांत होता है. रात को सोने से पहले अच्छी तरह अपने हाथ-पैर साफ कर ले और बेडरुम को साफ - सुथरा कर लेवें ।


डॉक्टर से सलाह लेवे :- आप इस विषय में किसी अच्छे डॉक्टर या विशेषज्ञ से भी सलाह ले सकते है वो आपकी जीवन-शैली तथा हर छोटी-बड़ी बात को जानकर आपको आपके हित अनुसार अच्छी स्वास्थ्य सलाह दे सकते हैं।