Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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Article in Hindi on Holi Festival होली का त्योहार

 बचपन के खेल, रंग-बिरंगे गीत, और प्यार भरी मिलनसारी - होली का त्योहार हमारे दिलों में अटूट स्थान रखता है। यह भारतीय समाज में रंगों की बहार और खुशियों का प्रतीक है। हर साल फागुन महीने की पूर्णिमा को मनाई जाने वाली इस धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव का महत्वपूर्ण स्थान है।

होली का पर्व एकता और प्रेम का पर्व है। यह उत्सव सभी वर्गों, धर्मों, और आयु समूहों के लोगों को एक साथ लाता है। इस दिन लोग अपने द्वारा बनाए गए रंगों से एक-दूसरे को रंगते हैं, जिससे खुशियों का एक अनूठा माहौल बनता है।

होली का त्योहार विशेष रूप से बच्चों के लिए अत्यंत आनंदमय होता है। वे रंगों के साथ खेलते हैं, पिचकारियों से पानी छींकते हैं, और मिठाईयों का स्वाद लेते हैं। यह उनके लिए एक मनोरंजन और सीखने का मौका होता है कि जीवन में रंग और मस्ती की भूमिका भी है।

विविधता का यह त्योहार हमें सिखाता है कि हमें अपने समाज की समृद्धि में एकजुट होकर खुशियों का अनुभव करना चाहिए। यह एक बार फिर से हमें याद दिलाता है कि विभिन्नता ही हमारे समाज की शक्ति है।

होली का महत्व धार्मिक और सामाजिक दोनों ही है। इसे खुशियों का उत्सव माना जाता है, जिसमें लोग एक-दूसरे के साथ खुशियों को बाँटते हैं। यह एक साथ खुशियों का उत्सव होता है, जो सामूहिक खुशियों को बढ़ावा देता है और समाज में एकता को मजबूत करता है।

अतः, होली का यह महत्वपूर्ण त्योहार हमें यह सिखाता है कि हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर रंग-बिरंगी खुशियों का आनंद लेना चाहिए। इसके अलावा, यह हमें हमारे सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को समझने और मानने का मौका भी देता है।