Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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डॉ. भीमराव आंबेडकर: भारतीय समाज के अग्रणी सोचक Baba Saheb

 भारतीय इतिहास में डॉ. भीमराव आंबेडकर का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने न केवल भारतीय समाज में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उत्थान के लिए प्रयास किए, बल्कि उनके विचारों ने भारतीय समाज को अनगिनत मार्गदर्शन प्रदान किया।

जन्म और शिक्षा: डॉ. भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महु नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल था, जो एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। डॉ. आंबेडकर का बचपन और युवावस्था बहुत कठिन रहा। उन्हें उनकी असमानता और उपेक्षा का अनुभव हुआ, जिसने उनके विचारों को निर्मित किया।

डॉ. आंबेडकर की शिक्षा और योगदान: उन्होंने पूर्वाध्यापक के रूप में विभिन्न विश्वविद्यालयों में अध्यापन किया, जैसे कि बर्लिन और लंदन। उन्होंने विदेशों में अपनी उच्च शिक्षा पूरी की, जहां उन्हें सामाजिक असमानता और उपेक्षा का अध्ययन करने का अवसर मिला। उन्होंने अपनी अनूठी विदेशी शिक्षा का उपयोग करके भारतीय समाज में सामाजिक न्याय और समानता के लिए संघर्ष किया।

संविधान निर्माण और भारतीय संविधान: डॉ. भीमराव आंबेडकर के नेतृत्व में भारतीय संविधान का निर्माण किया गया, जो एक ऐतिहासिक कार्य है। उन्होंने भारतीय समाज के लिए समानता, न्याय, और सामाजिक न्याय की अद्वितीय मानदंड स्थापित किए। उन्हें 'भारतीय संविधान का पिता' कहा जाता है।

उनके विचारों का प्रभाव: डॉ. भीमराव आंबेडकर के विचारों ने भारतीय समाज को एक नया दिशा-निर्देश दिया। उन्होंने समाज में विचारशीलता, समानता, और न्याय के महत्व को बढ़ावा दिया। उनकी भावनाओं और विचारों ने समाज में सामाजिक परिवर्तन की ऊर्जा को उत्तेजित किया, जो आज भी हमारे समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।