Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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फलों के राजा आम के स्वाद का लोग कर रहे इंतजार


पाठकों मौसम की अनिश्चित्ता के चलते इस बार फलों के राजा आम के स्वाद के लिए अभी लोगों को  कुछ वक्त तक और इंतजार करना पड़ सकता है।


आमतौर पर 15 मार्च के पश्चात सब्जियों मंडियों में देसी कच्चे आम की आवक शुरू हो जाती थी। 


लेकिन अबकी वर्ष फसल तैयार होने में विलंब होने के कारण मंडियों में आम आने में अभी लगभग 15 दिन और लग जाएंगे । 


मौसम के अनुकूल नहीं रह पाने की मार  ग्रीष्मकालीन कद्दू फसलों पर भी उतनी ही पड़ी है। मार्च में गर्मी का टॉनिक तरबूज एवं खरबूजे की बंपर आवक शुरू हो जाती है। लेकिन अब की बार यह भी अभी तक पर्याप्त आना शुरू नहीं हुई है।






आसमान पर है कैरी के दाम :-  कच्चे आम के नाम से मशहूर कैरी के दाम इस वक्त आसमान पर है। दक्षिण भारत में आम की मंडियों में थोड़ी बहुत आवक जरूर हो रही है। लेकिन उनके दाम भी 4 गुना तक अधिक जा रहे है। बाजार में कच्चा आम कैरी के भाव 80 रूपए से लेकर 100  रुपए प्रति किलो तक चल रहे हैं।







लंबे वक्त तक पड़ रही सर्दी का प्रभाव :-  जिन क्षेत्रो में तथा गांवो हर साल आम की पैदावार होती है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार  इस वर्ष सर्दी लंबे समय तक एवं अधिक देर तक पड़ने से आम की फसल प्रभावित हुई है।


पेड़ों पर आम देरी से लगे हैं। इसके पश्चात मार्च में गर्मी के प्रारंभ में तापमान की अधिकता का असर भी आम की पैदावार पर पड़ा। यूपी के आकड़ों के अनुसार बादामी, तोतापुरी व कल्मी आम की पैदावार अधिक होती है।





तापमान का अनुकूल होना भी है आवश्यक :- कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार आम के वृक्षों में फल लगने हेतु 15  से 30 डिग्री सेल्सियस तक के मध्य तापमान रहना चाहिए। इसके लिए 15  जनवरी से  15 फरवरी तक के मध्य का तापमान अनुकूल रहता है। इसी कारण हर वर्ष इसी अवधि में आम के फल लग जाते हैं। बोर में फल लगने में करीबन 1 महीने का वक्त लगता है। इस लिए मार्च तक ही बाजार में आम की आवक शुरू हो जाती है। लेकिन इस वर्ष 28 फरवरी तक कड़ाके की ठंड पड़ी तथा तापमान जरूरत से कम रहा।