Sahitya Samhita

Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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दोस्ती क्या है ?

दोस्ती इस शब्द के हमारे जीवन में कई अलग-अलग अर्थ हैं, दोस्ती क्या है?दोस्ती होना जरूरी है? क्या स्कूल, कॉलेज के लोग जो एक साथ पढ़ते हैं, वे दोस्त हैं?

 दोस्ती वो होती है जो किसी से भी हो सकती है, वो आपके दादा, दादी या पिता, मां, भाई, बहन या यहां तक ​​कि कॉलेज, स्कूल के अपने दोस्तों के साथ भी हो सकती है।दोस्ती वो रिश्ता है जिसे लोग बिना किसी रिश्ते के भी निभाते हैं। और शायद नहीं भीदोस्ती वो होती है जो किसी भी रिश्ते में हो तो वो रिश्ता अपने आप अच्छा हो जाता है।दोस्ती हर रिश्ते में मिठास का काम करती है, जिसमें कितना भी गुस्सा आ जाए लेकिन रिश्ता कभी नहीं टूटता।श्री कृष्ण ने कहा है कि मित्रता का कोई अर्थ नहीं है, इस प्रश्न का अर्थ यह है कि अनर्थ का अर्थ क्या है?दोस्ती का मतलब है देना, अपना समय, अपनी खुशी, अपनी भावनाएं और अगर आप कुछ मांगने के लिए करते हैं, तो वह दोस्ती कैसी है? और देखा जाए तो प्यार करने वालों को कुछ पाने की जरूरत नहीं होती, समय आने पर वो खुद ही मिल जाते हैं।लेकिन आज के समय में दोस्ती दो तरह की हो गई है, एक निस्वार्थ और दूसरी स्वार्थी दोस्ती।लेकिन अगर आज के समय में देखा जाए या फिर फिल्मों में या फिर अपने इतिहास में देखा जाए तो दोस्ती बहुत जरूरी थी।आज के समय में इंसान अगर इंसानियत रखता है तो वह बहुत बड़ी बात है।लेकिन आज भी ऐसी दोस्ती है।दोस्ती कभी किसी की जात , धर्म देख कर नहीं की जाती चाहे वो अमीर हो या गरीब , दोस्ती हमेशा दिल से होती है ।दोस्ती कभी बड़ी या छोटी दिखने से नहीं बनती, यह किसी भी उम्र के लोगों के साथ होती है।हर मां-बाप और बच्चे के बीच होती है दोस्ती,इसलिए वो लोग खुलकर एक दूसरे को अपने बारे में सब कुछ बताते हैं।दोस्ती का मतलब है बिना डरे प्यार और मस्ती करना। दोस्ती सिर्फ इंसानों के बीच ही नहीं इंसानों और जानवरों के बीच भी दोस्ती होती है।और कहा जाए तो इंसानों से ज्यादा जानवरों की दोस्ती निस्वार्थ होती है जिसका कोई मतलब नहीं होता।वो बोल भी नहीं सकते, वो तो बस प्यार करते हैं, वो हमारे अकेलेपन के साथी हैं, वैसे ही खुशियों के भी साथी हैं।जानवर भी हमें हमारी तरह प्यार करते हैं, लेकिन वे हमसे ज्यादा प्यार करते हैं, उनके प्यार के आगे हम इंसानों का प्यार भी कम होता है।वो हमारे आने से खुश होते हैं और वो खुशी का इजहार करते हैं हमें प्यार करके मस्ती करते हैं, बोल भी नहीं सकते लेकिन ईमानदार लोगों से बढ़कर हैं।आज के समय में हर किसी के घर में कोई न कोई पालतू जानवर होता है जो उनके परिवार का एक सदस्य होता है। सच कहूं तो यही दोस्ती है।दोस्ती दुख में भी साथ देती है और खुशियों में भी दोस्ती बहुत खूबसूरत होती है, ये बहुत किस्मत वाले होते हैं।और दोस्ती का मतलब परिवार होता है, दोस्ती ऐसी हो कि परिवार बन जाए और दोस्ती परिवार से बढ़कर नहीं हो सकती।जहां हमें अपनी गलती के बाद भी बिना मतलब का प्यार मिलता है।तो दोस्ती का मतलब परिवार है। जो दोस्ती दिल से बनती है वो दोस्ती है बिना किसी स्वार्थ के।और यह सच है कि आज के समय में हम सब बहुत व्यस्त हैं।लेकिन यकीन मानिए जो हमसे प्यार करते हैं वो सिर्फ हमसे वक्त चाहते हैं कि हम कुछ वक्त अपनों के साथ बिताएं।इसलिए अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के लिए कुछ समय जरूर निकालें। और आप जहां भी हैं, आप सभी खुश और स्वस्थ रहें।