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Sahitya Samhita Journal ISSN 2454-2695

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कारगिल विजय दिवस: भारतीय वीरों की शौर्य गाथा

 

26 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस युद्ध में भारत की जीत का ऐलान किया थातब से हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

 


कारगिल युद्ध भारत के इतिहास के उन युद्धों में से एक है ये वही युद्ध है, जिसमें जिसमें भारत के कई सारे वीर सिपाहियों ने निडरता के साथ पाकिस्तानी सेना को धूल चटाया था और जीत का आगाज किया था। कारगिल युद्ध की शुरुआत मई में हुई थी और इसके लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय चलाया था।

 

कारगिल युद्ध

कारगिल में मिली भारत की जीत को हर साल ‘कारगिल विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और साथ ही इस युद्ध में शहीद हुए जवानों के बलिदान को भी याद किया जाता है। 26 जुलाई 2021 को जीत के 22 साल पूरे होने पर देशभर में जश्न और खुशी का माहौल है। यह लड़ाई भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू कश्मीर के कारगिल जिल की ऊंची पहाड़ियों पर साल 1999 में मई से जुलाई के बीच हुई थी। जिसकी शुरुआत पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा की गई थी।  इन्होंने भारतीय हिस्से में घुसपैठ कर अपने ठिकाने बना लिए थे जिसकी भारतीय सेना को भनक तक नहीं लगी थी लेकिन आखिर में पता लगने पर भारत के वीर सिपाहियों ने इन्हें खदेड़  दिया था। और कारगिल में अपनी सभी चौकियों को वापस पा लिया था जिन पर पाकिस्तान की सेना ने कब्जा किया था।

इस लड़ाई में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जानकारी दिए बिना तत्कालीन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने कारगिल में घुसपैठ करवाई थी। 


ऑपरेशन विजय

पाकिस्तान के सैनिकों और आतंकवादियों ने कारगिल के ऊंचे पहाड़ों पर घुसपैठ करके अपने ठिकाने बना लिए थे। चूंकी वह ऊंचाई पर थे, तो उन्होंने इसका खूब फायदा भी उठाया।  इससे वह निचले हिस्से में मौजूद भारतीय सैनिकों पर आराम से गोलीबारी कर पा रहे थे साथ ही पाकिस्तान ने युद्ध के दौरान दो भारतीय लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया था। जबकि एक अन्य लड़ाकू विमान ऑपरेशन के दौरान क्रैश हो गया। लेकिन बाद में खुद को फंसता देख पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप करने को कहा लेकिन वहां उसे मुंह की खानी पड़ी।

कारगिल की जंग 8 मई 1999 को शुरू हुई थी। भारतीय सेना ने भी ऊंचाई पर पहुंचना शुरू कर दिया और फिर ऑपरेशन विजय की शुरुआत हुई। इस जंग में भारतीय सेना के साथ-साथ वायुसेना ने भी मोर्चा संभाला था।

शुरुआत मे अधिक ऊंचाई पर होने के कारण पाकिस्तान की सेना को फायदा मिल रहा था लेकिन इससे भी भारत के वीर सैनिकों का मनोबल कम नहीं हुआ और आखिर में उन्होंने जीत का परचम लहराया । सेना ने फिर 26 जुलाई, 1999 को घोषणा करते हुए बताया कि मिशन सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। उसी दिन के बाद से हर साल कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. हालांकि भारत के लिए ये जीत काफी महंगी भी साबित हुई। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि कारगिल युद्ध में भारत के 527 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि पाकिस्तान के 357-453 सैनिक मारे गए।

 

26 जुलाई 1999 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस युद्ध में भारत की जीत का ऐलान किया थातब से हर साल 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।